संस्कृत दुनिया की वैज्ञानिक भाषा- कुमावत
कैलाश चंद्र वैष्णव
संवाददाता शाहपुरा
1 जनवरी 2019
शाहपुरा !दुनिया में विज्ञान की तरक्की की बात की जाती है उस विज्ञान की तरक्की संस्कृत भाषा में निहित है । हमारे ऋषियों ने उस समय में जो ग्रंथ लिखे हैं आज उन ग्रंथों की प्रमाणिकता सिद्ध होती है । दुनिया के लोग संस्कृत के लिखे हुए ग्रंथों को पढ़कर नए-नए आविष्कार कर रहे हैं इसलिए आने वाला समय संस्कृत भाषा का होगा । दुनिया का सबसे श्रेष्ठ कंप्यूटर संस्कृत भाषा में बनने जा रहा है । आज नासा में काम करने वाले वैज्ञानिकों को भी 15 दिन संस्कृत भाषा का अध्ययन करवाया जाता है । यह बात चित्तौड़ प्रांत द्वारा आयोजित संस्कृत भाषा बोधन वर्ग के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत बौद्धिक शिक्षण प्रमुख सत्यनारायण कुमावत ने कही । कुमावत ने कहा है कि आज दुनिया जिस मोड़ पर खड़ी है ऐसे समय में संस्कृत भाषा ही दुनिया को सही मार्ग दिखा सकती है । विश्व कल्याण की भावना संस्कृत भाषा में ही निहित है । कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष कन्हैयालाल धाकड़ ने की । इस अवसर पर संस्कृत भारती द्वारा चलाए जा रहे अभियान की भी प्रशंसा की । कार्यक्रम को वर्गाधिकारी शिव प्रकाश सोमानी, संस्कृत भारती प्रांत मंत्री राजेंद्र शर्मा में भी संबोधित किया । वर्ग संयोजक परमेश्वर प्रसाद कुमावत ने बताया कि शिविर में चित्तौड़ प्रांत के 12 जिलों के 250 शिविरार्थी, 30 शिक्षक-प्रबंधक भाग ले रहे हैं । शिविर का संपूर्ण वातावरण संस्कृतमय है जिसमें सभी शिविरार्थी संस्कृत में बात करेंगे । कार्यक्रम में प्रांत संगठन मंत्री देवेंद्र पंड्या, प्रांत शिक्षण प्रमुख मधुसूदन शर्मा, प्रांत संपर्क प्रमुख महेश कुमार शर्मा, प्रांत विद्वत परिषद प्रमुख परमानंद शर्मा, भीलवाड़ा विभाग पत्राचार प्रमुख विपिन कुमावत, वर्ग संयोजक परमेश्वर प्रसाद कुमावत, प्रबंधन प्रमुख शिव चरण शर्मा, पूर्व प्रदेश प्रतिनिधि जय किशन घूसर, नरेश खटीक, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अरविंद सेन, मोहन लाल रेगर, रविंद्र कुमार शर्मा, आत्माराम, पूजा गुर्जर, अंजू जांगिड़ दुर्गेश वैष्णव आदि पदाधिकारी उपस्थित थे ।मंच संचालन अजमेर जिला संयोजक देवराज कुमावत ने किया ।
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