भाजपा को आवंटन जमीन की गहलोत सरकार कराएगी जांच
जयपुर ! राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार वसुंधरा राजे सरकार के समय भाजपा जिला कार्यालयों के लिए गए भूमि आवंटन की जांच कराएगी सरकार के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने ये संकेत दिए । राजस्थान में भाजपा सरकार के समय पार्टी ने तय किया था कि जिन जिलों में पार्टी के जिला कार्यालय किराए के भवनों में चल रहे हैं, उन्हें खुद के भवन में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के वर्ष 2017 में हुए दौरे के समय निर्देश भी दिए थे। तत्कालीन सरकार ने राजस्थान के 25 जिलों में भाजपा को भूमि आवंटन के डिमांड नोटिस जारी किए थे। इनमें से करीब 18 जिलों में ही भूमि आवंटन की स्वीकृति जारी की गई थी। इनमें से अभी एक-दो जिलों में ही निर्माण कार्य शुरू हो पाया है।
पार्टी कार्यालयों के लिए भूमि आवंटन मामले का कांग्रेस ने विरोध किया था। अब सत्ता में आने के बाद पार्टी इसकी जांच की बात कह रही है। मीडिया से बातचीत में धारीवाल ने कहा कि वसुंधरा सरकार के वक्त भाजपा के जिला कार्यालयों की आवंटित जमीनों की समीक्षा होगी। जब पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार अपनी पार्टी के जिला कार्यालयों के लिए जिलों में भूमि आवंटन कर रही थी तो उसको कांग्रेस के आवेदनों को भी देखना चाहिए था। कांग्रेस पार्टी को एक भी जगह जमीन नहीं दी गई थी।
सरकार जांच करा ले
उधर, इस बारे में भाजपा के प्रदेश महामंत्री मुकेश दाधीच का कहना है कि हमने जमीनें निशुल्क या रियायती दाम पर नहीं ली हैं। जो भी जमीन ली गई है कि उसका पूरा पैसा दिया गया है। सरकार चाहे जो जांच करा ले। वैसे भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनीतिक दलों के अपने कार्यालय होने ही चाहिए। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
इन जिलों में भूमि आवंटन
नागौर, जैसलमेर, राजसमंद, चित्तौडगढ़, हनुमानगढ़, सिरोही, बूंदी, धौलपुर, करौली, दौसा किशनगढ़, टोंक, डूंगरपुर, झुंझुनूं, झालावाड़, पाली, बांसवाड़ा, बारां के अलावा सात-आठ अन्य शहरों में भी भूमि आवंटित की गई है।
Comments
Post a Comment